भारत में आर्थिक पर्यावरण बी.कॉम सेमेस्टर – 2

About Course
📘 विषय का नाम: भारत में आर्थिक परिवेश
सेमेस्टर: बी.कॉम – द्वितीय सेमेस्टर
पाठ्यक्रम प्रकार: अनिवार्य / आधारभूत विषय
अवधि: एक सेमेस्टर
क्रेडिट घंटे: सामान्यतः 3–4 क्रेडिट
📄 पाठ्यक्रम का विवरण:
“भारत में आर्थिक परिवेश” विषय का उद्देश्य विद्यार्थियों को भारतीय अर्थव्यवस्था में व्याप्त प्रमुख आर्थिक शक्तियों और नीतियों की समझ प्रदान करना है। यह पाठ्यक्रम छात्रों को भारत की अर्थव्यवस्था की संरचना, प्रदर्शन और चुनौतियों की जानकारी देता है, जिसमें आर्थिक योजनाएं, नीति सुधार, मौद्रिक व राजकोषीय ढांचा तथा वैश्वीकरण का प्रभाव शामिल है।
इस विषय के माध्यम से छात्र यह समझ सकेंगे कि आर्थिक नीतियाँ व्यापार निर्णयों को कैसे प्रभावित करती हैं, और विभिन्न आर्थिक कारक व्यापार, उद्योग, रोजगार, आय वितरण और विकास को कैसे प्रभावित करते हैं।
🎯 पाठ्यक्रम के उद्देश्य:
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भारतीय अर्थव्यवस्था की संरचना और कार्यप्रणाली की जानकारी देना।
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सरकारी नीतियों के व्यापार और उद्योग पर प्रभाव का विश्लेषण करना।
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उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण की भूमिका को समझना।
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आर्थिक संकेतकों की उपयोगिता को समझना और उनका विश्लेषण करना।
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भारत में वर्तमान आर्थिक प्रवृत्तियों और नीतिगत विकास का मूल्यांकन करना।
📚 मुख्य विषय-वस्तु:
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आर्थिक परिवेश का परिचय
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भारत में आर्थिक नियोजन
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भारतीय वित्तीय प्रणाली
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राजकोषीय नीति एवं बजट
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मौद्रिक नीति और मुद्रास्फीति
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आर्थिक सुधार (एलपीजी – उदारीकरण, निजीकरण, वैश्वीकरण)
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औद्योगिक नीति और औद्योगिक विकास
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विदेश व्यापार नीति और भुगतान संतुलन
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जनसांख्यिकीय परिवेश और मानव संसाधन विकास
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सार्वजनिक क्षेत्र की भूमिका और निजीकरण
✅ सीखने के परिणाम (Learning Outcomes):
इस पाठ्यक्रम के अंत में छात्र:
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प्रमुख आर्थिक आँकड़ों और प्रवृत्तियों की व्याख्या कर सकेंगे।
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व्यापार निर्णयों पर आर्थिक नीतियों के प्रभाव को समझ सकेंगे।
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भारत की प्रमुख आर्थिक समस्याओं और नीतिगत समाधानों से अवगत होंगे।
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आर्थिक परिवेश और व्यापारिक निर्णयों के आपसी संबंध का विश्लेषण कर सकेंगे।
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Course Content
SILLYBUS
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Economic Evironment in India